बजरंग बाण पाठ, Bajrang Baan Lyrics in Hindi

Bajrang Baan : हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करना हनुमानजी की कृपा पाने का अचुक उपाए माना जाता हैं. बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से यदि आपके कुंडली में ग्रहदोष हैं. वह समाप्त हो जाते हैं. गंभीर बिमारियों से निजात मिलती हैं. विवाह में आने वाली सभी अर्चने दूर होती हैं. कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त होने लगती हैं. मान सम्मान में वृद्धि होती हैं. और भय का नाश होता हैं.

॥श्री बजरंग बाण पाठ॥

Bajrang Baan Lyrics in Hindi

॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करैं सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ,
सिद्ध करैं हनुमान॥

॥ चौपाई ॥
जय हनुमंत संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥

जन के काज बिलंब न कीजै ।
आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा ।
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥

आगे जाय लंकिनी रोका ।
मारेहु लात गई सुरलोका ॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा ।
सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा ।
अति आतुर जमकातर तोरा ॥

अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेटि लंक को जारा ॥

लाह समान लंक जरि गई ।
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई ॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी ।
कृपा करहु उर अंतरयामी ॥

जय जय लखन प्रान के दाता ।
आतुर ह्वै दुख करहु निपाता ॥

जै हनुमान जयति बल-सागर ।
सुर-समूह-समरथ भट-नागर ॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले ।
बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीशा ।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीशा ॥

जय अंजनि कुमार बलवंता ।
शंकरसुवन बीर हनुमंता ॥

बदन कराल काल-कुल-घालक ।
राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर ।
अगिन बेताल काल मारी मर ॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की ।
राखु नाथ मरजाद नाम की ॥

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै ।
राम दूत धरु मारु धाइ कै ॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा ।
दुख पावत जन केहि अपराधा ॥

पूजा जप तप नेम अचारा ।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं ।
तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं ॥

जनकसुता हरि दास कहावौ ।
ताकी सपथ बिलंब न लावौ ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा ।
सुमिरत होय दुसह दुख नासा ॥

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं ।
यहि औसर अब केहि गोहरावौं ॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई ।
पायँ परौं, कर जोरि मनाई ॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल ।
ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल ॥

अपने जन को तुरत उबारौ ।
सुमिरत होय आनंद हमारौ ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै ।
ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ॥

पाठ करै बजरंग-बाण की ।
हनुमत रक्षा करै प्रान की ॥

यह बजरंग बाण जो जापैं ।
तासों भूत-प्रेत सब कापैं ॥

धूप देय जो जपै हमेसा ।
ताके तन नहिं रहै कलेसा ॥

॥ दोहा ॥
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै,
पाठ करै धरि ध्यान ।
बाधा सब हर,
करैं सब काम सफल हनुमान ॥

FAQ

प्रश्न 01 – बजरंग बाण पाठ करने की विधि क्या हैं?

सूर्योदय से पहले स्नान करके फिर बजरंगबली के प्रिय रंग लाल या नारंगी रंग के वस्त्र को धारण कर हनुमानजी के तस्वीर के समक्ष घी का दीपक जलाएं. उसके बाद कुश के आसन पर बैठकर बजरंग बाण का शुद्ध उच्चारण के साथ पूरा पाठ एक ही बार में पूरा करें.

प्रश्न 02 – बजरंग बाण का पाठ करने से क्या फल मिलता हैं?

बजरंग बाण का पाठ करने से यदि आपके कुंडली में ग्रहदोष हैं. वह समाप्त हो जाते हैं. गंभीर बिमारियों से निजात मिलती हैं. विवाह में आने वाली सभी अर्चने दूर होती हैं. कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त होने लगती हैं. मान सम्मान में वृद्धि होती हैं. और भय का नाश होता हैं.

प्रश्न 03 – बजरंग बाण का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?

आप यदि किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहें हैं. तो आपको यह कम से कम 41 दिनों तक पाठ नियमपूर्वक करना चाहिए. यह ध्यान रहे की पाठ करते समय शब्दों का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट हो.

प्रश्न 04 – बजरंग बाण के लेखक कौन है?

गोस्वामी तुलसीदास जी ने बजरंग बाण की रचना की थी.

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